अकेला राही
प्यार का कोई मौसम नही
जब हर बात लगे निराली
नैनो को अश्रुओं से सींचे
जब प्यार दिखे खाली खाली.....
प्यार हमारा धुआँ धुआँ
दिल की जब से जली पराली
सफर रहेगा जारी किन्तु
तू पात पात मैं डाली डाली....
एक अकेला राही पथ पर
अनजानी सी बाट विटाली
निशा शेष है विजन देश है
विभावरी घिर आयी काली....
हृदय दग्ध है हुआ रिक्त है
दिल का आधा हिस्सा खाली
धड़कन देखो रुकी हुई है
जब से छोड़ गयी है आली....
किसी मोड़ पर मिल जाएंगे
आश हृदय ने यही है पाली
घना अंधेरा मिट जायेगा
आयेगी जब मिलन उजाली....
Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Nov-2023 08:13 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति और खूबसूरत भाव
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Gunjan Kamal
13-Nov-2023 06:47 PM
👏👌
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Reena yadav
13-Nov-2023 06:01 PM
👍👍
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